isha rasool success story

इस महिला ने कमाए फार्मिंग बिज़नेस से लाखो रूपये, जानिए कैसे

आज हम इस आर्टिकल में एक ऐसी महीला के बारेमे बात करने वाले हैं जिसने PHD छोड़कर खेती शुरू की ओर आज लाखो रुपए कमा रहि है पुरी जानकारी के लिए इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़े तो आइए आगे बढ़ते हैं

आइए उनके बारे में जान लेते हैं: इस महीला का नाम इंशा रसूल है वो कश्मीर के बडगाम जिले में रहती है इंशा रसूल ने कोरिया में पीएचडी करती थी अब उन्होने पीएचडी छोड़ दी है ओर वो 2018 में कोरिया से भारत वापस आ गई थी और यहां आकर इंशा रसूल ने फार्मिग करने का ठान लिया

isha rasool success story

इंशा रसूल मॉलिक्यूलर सिग्नलिंग की पढ़ाई कर रही थीं दक्षिण कोरिया के एक युनिवर्सिटी से, वो अब इंशा रसूल भारत में वापस आकर ‘जैविक खेती’ करना चाहती थी। होमग्रीन्स, एक फॉर्म टू फोर्क ब्रांड खड़ा करने के लिए इंशा रसूल ने दो साल कड़ी मेहनत की थी

इंशा रसूल ने जब उनका खुदका ड्रीम प्रोजेक्ट शुरू किया था, तब इंशा रसूल के पास 3.5 एकड़ जमीन उनके पास उनके पुश्तैनी को की थी। ओर उस ज़मीन पर फसल ओर सब्जियां के लिए उनका परिवार भी इस्तेमाल करता है। ओर वो कही दुसरे किसानों के सकर्प करने लगी। इंशा रसूल ने खाद और बीज खरीदे. ओर अन्य कामों के लिए जैसा की बुवाई और जूताई के लिए काम पर मजदूरों को राखा

वह जानती थी वैज्ञानिक होने के नाते की, सिर्फ शोध करना फसल उगाने के किए पर्याप्त नहीं होते। प्रयोग करते हुए उन्होंने विभिन्न मौसमों में विभिन्न किस्मों के बीजों के साथ महीनो बीता दिए।

जानिए सोशल मीडिया में क्या कहा: एक मीडिया से इंशा रसूल वात करते हुए कहती है “मैं जितनी सफल हुई, उससे कहीं अधिक मैं असफल भी रही. फसल कभी-कभी नही भी उगती. या कही बार ऐसा भी होता है की खाद काम न भी करे पानी ज्यादा कभी कभी डालती, बीज गलत मौसम में लगा देती छ महीने तक ये प्रयोग चलता रहा और मेने आखिर कार खेती करने का छोड़ा नहीं ओर हमारे जीवन को बदल ने में यह निर्णय ने सही साबित हुआ

इंशा पूर्व छात्र हे जो बेगलुरु में भारतीय विज्ञान संस्थान की, ओर वो कही हरियाली ओर कम तापमान वाली कही जगह पर रह चुकी है। दिल्ली, कश्मीर, बेंगलुरु में रहने के बाद वो चली गई दक्षिण कोरिया, जहा अधिक सुहावना मौसम होता है

इंशा रसूल कहती है की उनका परिवार किसानी खेती करता था। अपने बच्चे की स्कूली गतिविधियों दौरान उन्होने एक अच्छा फार्म स्टोबेरी का देखा था, उसे फार्मिग में उन्हें बाद रुचि हुई अविश्वसनीय तकनीक को देखकर उन्होने कहा की मेरा होस उड़ गए थे

वह ताजा, रंगीन स्ट्रॉबेरी उगाने के लिए उस टेक्निक इस्तेमाल करते थे “कितना अच्छा होता कि कश्मीर में कोई एसा करे ये इंशा ने उनके पति को कहा मजाक में। उसके पति ने सामने कहा की जब हमारी खुद की जमीन हे तो क्यों इंतजार करे किसी का। फेसला किया दूसरा सब कुछ छोड़ कर प्लानिंग और रिसर्च मुस्कील से करने के बाद छ महीने में ये किया गया

सोशल मीडिया के जरिए कैसे बेचती है:इंशा अपनी फसल इंस्टाग्राम और फेसबुक के जरिए बेचती हैं। 24 घंटो के अंदर ही अधिकदर उत्पादक बिक जाते हैं ऐसा उनका दाव है

लाखो रुपए कमाए: उन्होने बेटर इंडिया को बताया कि मेने करीब 8 लाख रुपए पिछले नवंबर और दिसंबर में मेने कमाए। लगातार इस क्षेत्र में हम आगे बढ़ रहे हैं 15-20 किसान हर माह इंशा के साथ मिल कर काम करते है सब्जियां और अचार पूरे भरत में ओर विदेशों में बेचती हैं

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